कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा का लाभ अब उन प्राइवेट एवं शासकीय कर्मचारियों को मिल सकेगा जिनका नियमित ESI काटा जा रहा है।पूर्व में लाखों कर्मचारियों को इसका लाभ बिलकुल नहीं मिल पा रहा था अब इसका लाभ प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने लगेगा। श्रमजीवी पत्रकार परिषद ने लंबे समय से शिवराज सरकार से माँग की थी परंतु भाजपा सरकार ने कर्मचारियों का नियमित अंशदान काटने के बाद भी एक नए पैसे का लाभ प्राइवेट कर्मचारियों को नहीं करवाया। प्रदेश के गेर अधिमान्य पत्रकारों एवं प्रेस में कार्य करने वाले कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 22, हज़ार से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिनका अंशदान कर्मचारी बीमा योजना के तहत काटा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में 'मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना' को 1 अप्रैल से लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना से लगभग 12,55,000 कर्मचारी अधिकारी लाभान्वित होंगे।इस योजना का लाभ प्रदेश के सभी नियमित शासकीय कर्मचारी,सभी संविदा कर्मचारी, शिक्षा संवर्ग,सेवानिवृत्त कर्मचारी, नगर निगम कर्मचारी आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले पुर्ण कालिक कर्मचारी और राज्य की स्वशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगी। इसके अलावा निगम मंडलों में कार्यरत कर्मचारी एवं अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए योजना वैकल्पिक होगी।मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में बाह्य रोगी OPD के रूप में प्रति वर्ष 10, हज़ार रुपये तक का निःशुल्क उपचार अथवा नई शुल्क दवाओं का वितरण किया जाएगा।
सामान्य उपचारों के लिए प्रति परिवार को प्रति वर्ष पाँच लाख रुपया और गम्भीर उपचारों के लिए 10 लाख रुपये तक की नि शुल्क चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी।दसलाख से अधिक के ऊपर उपचार के लिए राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड द्वारा विशेष अनुमति दी जाएगी।मध्यप्रदेश कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू किए जाने से वार्षिकवित्तीय भार 756 करोड़ 54लाख रुपया आएगा।इस बयान के लिए अनावश्यक धन राशि हितग्राहियों से अंशदान के रूप में प्राप्त की जाएगी अंशदान राशि का निर्धारण वेतन बैण्ड के अनुसार किया जाएगा