"हम तेहरान इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास परांद शहर के एक अपार्टमेंट में फंसे हुए हैं. कोरोना के आतंक की वजह से हमारे दिन का चैन और रातों की नींद हराम हो गई है. घर में खाने-पीने का स्टॉक भी तेजी से ख़त्म हो रहा है. बाहर निकलने में ख़तरा है."
ये कहते हुए कोलकाता के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सायंतन बनर्जी के चहरे से हताशा साफ़ झलकती है. उस अपार्टमेंट में जो 22 लोग रह रहे हैं उनमें से 11 भारतीय हैं.
सभी इंजीनियर हैं. उनमें से पश्चिम बंगाल के दो लोग हैं- कोलकाता के सायंतन और दुर्गापुर के विकास दास. बाकी लोग श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान के हैं.
वे लोग दुबई स्थित एक तंबाकू कंपनी में काम करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से उनके दफ्तर फिलहाल बंद है.
सायंतन ने चार दिनों पहले एक वीडियो संदेश के जरिए सरकार से परांद के एक अपार्टमेंट में फंसे लोगों को बचाने की गुहार लगाई थी.
(Courtesy : BBC Hindi)