"श्रमजीवी पत्रकार परिषद के प्रदेश संयोजक नलिनकांत बाजपेई ने कांग्रेस की मंशा की घोर निंदा करते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है कि पत्रकार प्रिंट मीडिया के कर्ता-धर्ता चुप नहीं बैठेंगे और इसका जवाब हम सब मिलकर देंगे एवं श्रमजीवी पत्रकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद तिवारी ने कहा है कि प्रदेश के 8000 अखबारों को पूरी तरह से सड़क में लाकर खड़ा करने का श्रेय कमलनाथ सरकार को जाता है जिसका परिणाम उन्हें मिल चुका है और देश के प्रधानमंत्री को सोनिया गाँधी ने जो सुझाव भेजे हैं कि प्रिंट मीडिया का विज्ञापन 2 वर्ष के लिए बंद कर दिया जाए यह उनकी ओछी मानसिक्ता का प्रदर्शन करता है"
देश के चौथे स्तंभ प्रिंट मीडिया को सोनिया गांधी की शेह पर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने, प्रदेश के 8000 छोटे अखबारों को रोड में लाकर खड़ा कर दिया जिसके परिणामस्वरूप लाखों कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खाने में मजबूर हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से छोटे अखबारों को एक रुपये का भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया इसके साथ ही पूर्व में इन अखबारों को दिए गए विज्ञापन की राशि आज तक जारी नहीं की गई, अखबार मालिकों के सामने अखबार बंद करने की नौबत आ खड़ी हुई है। प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने छोटे अखबारों एवं उनके मालिकों एवं कर्मचारियों को पूरी तरह से अखबार समेटने को मजबूर कर दिया है। अब सोनिया गांधी ने अपनी अंतर्मन की भावना को प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री को सुझाव दिया है कि प्रिंट मीडिया का विज्ञापन पूरी तरह से बंद कर दिया जाए, यह दर्शाता है कांग्रेस कि मनह स्थिति पूरी तरह से प्रिंट मीडिया के प्रति ठीक नहीं है।