7 जुलाई को चीन में ब्यूबोनिक प्लेग नामक बीमारी का एक नया मामला देखने को मिला। इसके बाद पूरे चीन में थर्ड लेवल का अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसके कारण एक समय में यूरोप में करोड़ों लोगों की जान चली गई थी। इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जाने:
चीन में फिर से एक नई बीमारी फैलना शुरू हुई है जिसके कारण कभी यूरोप में करोड़ों लोगों की मौत हुई थी।
ब्यूबोनिक प्लेग नाम का यह संक्रमण भी ह्यूमन टू ह्यूमन फैलता है। इस कारण यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। एक मरीज में इस बीमारी की पुष्टि होने के बाद एक अन्य व्यक्तियों को भी ब्यूबोनिक प्लेग से संक्रमित होने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
चीन के इनरमंगोलिया क्षेत्र के बयानूर शहर में ब्यूबोनिक प्लेग का पहला मामला देखने को मिला है।
वहीं, एक अन्य व्यक्ति के भी इस संक्रमण का शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल थर्ड लेवल का अलर्ट जारी करके लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि चीन में इस बीमारी का मामला तेजी से ना फैले और बाकी दुनिया भी इसकी जद में न आ जाए। आइए अब इस बीमारी के बारे में कुछ प्रमुख बातें जानते हैं...
क्या होता है ब्यूबोनिक प्लेग?
ब्यूबोनिक प्लेग एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। प्लेग नामक बैक्टीरिया को इसकी मुख्य वजह है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, न कि वायरस! इसलिए इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए संभव भी है।
मंगोलिया में पिछले साल में मैरमोट नामक जानवर को खाने से 2 लोगों को प्लेग हो गया था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई। इसलिए इस बार सावधानी बरतने में कोई चूक नहीं करनी चाहिए। खासकर कोरोना वायरस महामारी के दौर में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
कैसे फैलता है ब्यूबोनिक प्लेग?
ब्यूबोनिक प्लेग बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। यह एक विशेष प्रकार के जीवाणु, यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia pestis) से संक्रमित होने कारण होता है। मानव शरीर में आमतौर पर यह बीमारी कुतरने की प्रकृति रखने वाले जानवरों के कारण फैलती है, जो कि आमतौर पर पिस्सुओं के संपर्क में आ जाते हैं।
कभी-कभी यह पिस्सू लोगों को काट भी लेते हैं जिसके कारण इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। चूहा और गिलहरी या मैमल्स के शरीर में प्लेग मौजूद रहता है और जब यह जानवर मानव के संपर्क में आते हैं तो बड़ी आसानी से इनका संक्रमण उन तक भी पहुंच जाता है। इसके अलावा यह फ्ली बाइट्स, संक्रमित टिश्यू और इनफेक्शियस ड्रॉपलेट्स के कारण भी फैलता है।